साथ ही ' कृषक काव्य सम्मेलन' का आयोजन कर ग्रामीण कवियों को उनकी रचनात्मकता को प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया।
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साथ ही ' कृषक काव्य सम्मेलन ' का आयोजन कर ग्रामीण कवियों को उनकी रचनात्मकता को प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया।
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ग्राम स्यारमऊ “बाबा की बगीची” में अमराई तले 21 मई 2005 को ' शब्दम्' की पहल पर आयोजित कृषक काव्य सम्मेलन में न केवल ग्रामीण रचनाकारों को उत्साहित किया, वहीं 'घाघ' की रचनाओं के स्मरण से, एक बार पुन: